Teachers Day Celebration
5 सितम्बर 2023: फैकल्टी ऑफ एजूकेशन के बी.ए.-बीएड में शिक्षक दिवस मनाया गया । कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रो० एम० पी० सिंह, डीन स्टूडेंट वेलफेयर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर एमपी सिंह डीन स्टूडेंट वेलफेयर, श्री. दीपक मलिक सहायक कुल सचिव शिक्षा संकाय , डॉ अशोक कुमार लखेरा एचओडी बीए-बीएड एवं समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा मां शारदा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से किया गया ।
कार्यक्रम का संचालन अतीन्द्र झा एवं कनक कटारिया के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रथम, थर्ड एवं फिफ्थ सेमेस्टर के छात्र- छात्राओं प्रतीक्षा, नवोदिता, सुप्रिया, शैरोन, समृद्धि, जोया, गौरी, आरती, अनन्या, अतीन्द्र, शशांक, विशाल, अर्पित, विशेष, कैफ, अंशुल आदि ने मनमोहक समूह नृत्य की प्रस्तुतियां कीं । प्रथम सेमेस्टर के एमर्सन जॉय ने गिटार वाद्य यंत्र के साथ तथा अलीना अन्जुम ने मधुर गीत की प्रस्तुति की। इसके बाद थर्ड सेमेस्टर के छात्रों ने भी झलकी नृत्य की प्रस्तुति दी और सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम के अन्त में छात्र - छात्राओं को सम्बोधित करते हुए प्रो० एमपी सिंह डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में उन सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हम सभी अपने भावी प्रशिक्षुओं को शिक्षक बनाने के लिए तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक वह कुम्भकार है जो नित नये बर्तन गढ़ता है। और इन सुपात्र रूपी बालकों के हृदय परसंस्कृति, सभ्यता और गुण रूपी आकृतियों को अंकित करता है। अतः इस दिन हम निरंतर अच्छे गुणकर्मों की ओर गतिशील होने का प्रण लेते हैं। और अपने विश्वविद्यालय की कर्मठता का परचम फहराने की शपथ लेते हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी शिक्षकों को भी बधाई दी।
कार्यक्रम के अंत में डॉ० अशोक कुमार लखेरा एच.ओ.डी बीए-बीएड ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक शिक्षक मानव सभ्यता और संस्कृति का वाहक होता है। जो सम्पूर्ण मानव जाति के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहता है। अतः उत्तम शिक्षक के गुणों को आत्मसात करना प्रत्येक बालक के लिए अपेक्षित है । कार्यक्रम का अंततः सफल समापन हुआ । कार्यक्रम में समस्त शिक्षक एवं शिक्षिका गण असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रवि प्रकाश सिंह, श्रीमान् महेश कुमार, कुमारी रूबी शर्मा, डॉ० सुगंधा जैन, डॉ० शैफाली जैन, डॉ० पूनम चौहान, डॉ० मुक्ता गुप्ता एवं मि. नितिन कंसल भी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में नई जागृति, उत्साह और अपनी संस्कृति के लिए सम्मान को उजागर करना था।